पंचायत वेब सीरीज 4 : गांव की सादगी से सजे हंसी, इमोशन और राजनीति का अनोखा सफर

‘पंचायत’, एक ऐसी वेब सीरीज है जिसने बिना किसी हाई-फाई एक्शन या ग्लैमर के, सिर्फ अपनी सादगी और दिल छू लेने वाली कहानी से करोड़ों दिलों में जगह बना ली। TVF (The Viral Fever) द्वारा बनाई गई ये सीरीज Amazon Prime Video पर स्ट्रीम होती है और अब तक इसके चार सीजन आ चुके हैं।

सीजन 1: जब अभिषेक बना पंचायत सचिव

कहानी की शुरुआत होती है अभिषेक त्रिपाठी (जितेंद्र कुमार) से, जो दिल्ली से इंजीनियरिंग करके निकलता है और मजबूरी में एक गांव फुलेरा में पंचायत सचिव की नौकरी पकड़ लेता है। शहरी सोच वाला अभिषेक गांव की सादगी और सिस्टम से जूझता हुआ नजर आता है।
फनी फैक्ट: अभिषेक ने सीजन 1 में CAT की तैयारी की थी, लेकिन पूरी सीरीज में पढ़ाई से ज्यादा वो कंप्यूटर में “Office Tools” सीखता नजर आता है।

पंचायत सीजन 1 में अभिषेक त्रिपाठी

सीजन 2: विकास, प्रह्लाद और मनोज का तड़का

दूसरे सीजन में कहानी और गहराई पकड़ती है। प्रधान जी (नीना गुप्ता), उप-प्रधान प्रह्लाद जी, विकास और अभिषेक के बीच की दोस्ती मजेदार मोड़ लेती है।
इस सीजन में राजनीति, पंचायत की उलझनें और भावनात्मक मोमेंट्स ज़्यादा देखने को मिलते हैं।
मजेदार बात: प्रह्लाद जी का “मुझे क्या” वाला एटिट्यूड और विकास का टाइम पास अंदाज़ लोगों को खूब पसंद आया।

सीजन 3: राजनीति, विरोध और फुलेरा की रेस

‘पंचायत’ तीसरे सीजन में गांव की राजनीति और पंचायत चुनाव की तैयारियों पर जोर दिया गया। नए नेता, नई चालें और अभिषेक के CAT के सपनों के बीच राजनीति के शह और मात का खेल चलता है।
फनी फैक्ट: जिस गांव में कोई जल्दी इंटरनेट नहीं चलता, वहां फेसबुक पर पंचायत विरोधी पोस्ट से पूरा गांव भड़क जाता है।

पंचायत वेब सीरीज में गांव की पंचायत बैठक

सीजन 4: दिल, दिमाग और दरबार

चौथे सीजन में कहानी में और ज्यादा गहराई आती है। अभिषेक और रिंकी की दोस्ती अब रिश्ते की ओर बढ़ती है, वहीं प्रह्लाद जी अपने व्यक्तिगत दुखों से जूझते हैं।
साथ ही, गांव के लोग, सरकारी नीतियाँ और पंचायत की राजनीति कहानी को नए मोड़ देती है।
फनी फैक्ट: सीजन 4 में जब एक अफसर गांव आता है, तो प्रधान जी का “स्वागत-सत्कार” करने का देसी तरीका सबको हँसा-हँसा कर लोटपोट कर देता है।

क्यों खास है ‘पंचायत’ वेब सीरीज?

  • इसमें गांव की सच्ची झलक, ह्यूमर, और भावनात्मक जुड़ाव है।

  • सीरीज की लोकेशन, डायलॉग्स और बैकग्राउंड म्यूज़िक ने इसे और यादगार बना दिया है।

  • ‘लाउड कॉमेडी’ से हटकर यह एक ‘स्मार्ट साइलेंट कॉमेडी’ है।

पंचायत’: एक ऐसी सीरीज जो दिल से जुड़ती है

‘पंचायत’ एक ऐसा शो है जिसे आप हंसते हुए देखते हैं, लेकिन कहीं न कहीं उसकी सादगी और इमोशन्स आपको सोचने पर मजबूर कर देते हैं।
चाहे वह अभिषेक की CAT की स्ट्रगल हो या फुलेरा के लोगों की देसी चालाकी — इस सीरीज में हर कोई खुद को थोड़ा-थोड़ा देख सकता है।

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